लोकसभा ने मंगलवार को अनुसूचित जाति-जनजाति (एससी-एसटी) के लिए आरक्षण 10 साल बढ़ाने को मंजूरी दे दी। बिल पर चर्चा के दौरान कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा- भाजपा समाज के इन वर्गों को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है और इसे कभी नहीं हटाया जाएगा। लोकसभा में आरक्षण को लेकर पेश किया गया 'संविधान (126वां संशोधन) विधेयक 2019' के पक्ष में 355 वोट पड़े और इसके खिलाफ किसी ने वोट नहीं दिया।
चर्चा के दौरान कई सदस्यों ने बिल में एंग्लो-इंडियन' समुदाय को शामिल न करने पर चिंता जताई। इस पर कानून मंत्री ने कहा कि सरकार इस पर जल्द ध्यान देगी। उन्होंने कांग्रेस पर रेलवे और डाक विभाग में इस समुदाय के लिए मौजूद आरक्षण का प्रावधान खत्म करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 2011 की जनगणना के मुताबिक, देश में एंग्लो-इंडियन समुदाय के 296 व्यक्ति हैं।
25 जनवरी, 2020 को खत्म हो रहा है आरक्षण
लोकसभा में प्रसाद ने कहा कि एससी-एसटी के लिए आरक्षण कभी खत्म नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, “भाजपा एससी-एसटी आरक्षण जारी करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह बरकरार रहेगा और इसे कभी नहीं हटाया जाएगा।” उन्होंने कहा कि बिल लाने की जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि एससी-एसटी के लिए आरक्षण का प्रावधान 25 जनवरी, 2020 को खत्म हो रहा है।
सर्वसम्मति से पास हुआ बिल
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा- संविधान संशोधन विधेयक सदन के पूर्ण बहुमत से पारित हुआ। वोटिंग के दौरान इसे कम से कम दो तिहाई सदस्यों का समर्थन मिलना जरूरी था, लेकिन सभी मत संशोधन के पक्ष में रहे